
काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक बार फिर दावा किया है कि भगवान श्रीराम का जन्म नेपाल में हुआ था। सोमवार को काठमांडू में नेकपा एमाले के पर्यटन तथा नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि चितवन जिले के माडी स्थित ठोरी ही भगवान राम की वास्तविक जन्मभूमि है।
प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि कोई भी व्यक्ति यूं ही कहानी बनाकर राम की जन्मभूमि बदल नहीं सकता। उनका कहना था कि राम की जन्मभूमि आज भी नेपाल की भूमि में है और तर्कसंगत तरीके से देखें तो वह कहीं और हो ही नहीं सकती।
ओली ने कहा, “लोगों के नाराज़ होने के डर से हम राम की जन्मभूमि नेपाल है यह कहने से डरते हैं। लेकिन हमें डरना नहीं चाहिए। यह मैंने नहीं कहा, बल्कि वाल्मीकि रामायण में लिखा है। रामायण में लिखा है कि ऋषि विश्वामित्र ने कोसी नदी पार कर पश्चिम जाकर राम और लक्ष्मण को शिक्षा दी थी। इसका मतलब साफ है कि विश्वामित्र भी नेपाल के ही थे।”
उन्होंने कहा कि भगवान शिव और ऋषि विश्वामित्र दोनों नेपाल की धरती से जुड़े हैं। प्रधानमंत्री ओली ने कहा, “हम पर्यटन की बातें करते हैं, लेकिन जो पवित्र सत्य है, उसे बताने में हिचकते हैं। राम भगवान हैं या नहीं, यह आस्था का विषय है। लेकिन जो लोग उन्हें भगवान मानते हैं, उनके लिए उनकी जन्मभूमि पवित्र है। क्या हम इतना भी प्रचार नहीं कर सकते? क्या हम इतना भी नहीं कह सकते? डर लगता है कि लोग नाराज़ हो जाएंगे, अगर ऐसा सोचकर हम चुप रहे तो फिर हम कैसे आगे बढ़ेंगे?”
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में यह भी कहा कि ठोरी का क्षेत्र उस समय भी पवित्र था और आज भी नेपाल का ही हिस्सा है। उन्होंने कहा कि नेपाल के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का सम्मान करते हुए पर्यटन को आगे बढ़ाना चाहिए।