
काठमांडू। नेपालकी पूर्व राष्ट्रपति विद्या देवी भण्डारी ने पार्टी प्रतिनिधियों से अपने भेजे गए पत्र को ध्यानपूर्वक अध्ययन कर सुझाव देने का आग्रह किया है।
शुक्रवार से ललितपुर के गोदावरी में शुरू हुए दूसरे विधान अधिवेशन में शामिल होने से वंचित रहने के कारण भण्डारी ने पत्र के माध्यम से शुभकामना संदेश भेजा था।
भण्डारी ने कहा— “पार्टी ने मुझे राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाकर भेजा था, इस कारण मैं राष्ट्रीय जिम्मेदारी में रही। उस समय हमारे बीच मुलाकातें कम हुई होंगी। फिर भी हमारा उद्देश्य एक ही है। हम हमेशा साथ हैं। भले ही मैं आप सबको प्रत्यक्ष रूप से न मिल सकी, लेकिन मैंने पत्र को मिलन के समान ही माना है।”
उन्होंने विधान महाधिवेशन के प्रतिनिधियों से भावनात्मक और संगठनात्मक रूप से आगे बढ़ने का आह्वान किया।
भण्डारी ने आगे कहा— “मैंने कल ही पत्र के माध्यम से अपने विचार रखे हैं। आपने उनका अध्ययन किया ही होगा। आपके उपयुक्त सुझाव और सलाह की अपेक्षा करती हूँ। नेकपा एमाले के कंधे पर देश की बड़ी जिम्मेदारी है। उसे पूरा करने के लिए आप सभी भावनात्मक और संगठनात्मक दृष्टि से आगे बढ़ें। मैं भी हमेशा आपके साथ रहूँगी।”
उधर, नेकपा एमाले सचिवालय की बैठक ने यह निर्णय लिया था कि पार्टी सदस्य न रहने वाला कोई भी व्यक्ति विधान अधिवेशन में शामिल नहीं हो सकता। गुरुवार शाम हुई बैठक में कहा गया कि सदस्यता देना या न देना पार्टी