
पिछले दो हफ्तों में नेपाल में धर्म प्रचार और धर्म परिवर्तन में विदेशी नागरिकों की संलिप्तता के दो बड़े मामले सामने आए। गृह मंत्रालय के अध्यागमन विभाग ने इन घटनाओं को सार्वजनिक किया।
पहला मामला ललितपुर से जुड़ा है, जहाँ विभाग ने एक महिला समेत चार इंडोनेशियाई नागरिकों को इस्लाम धर्म प्रचार और धर्म परिवर्तन में लिप्त पाए जाने पर गिरफ्तार किया। वे स्टडी और टूरिस्ट वीज़ा पर नेपाल में थे। जांच में खुलासा हुआ कि वे “हिमालय शिक्षा तथा हितैषी समाज” नामक एनजीओ के माध्यम से कुरान पढ़ाने और धर्म परिवर्तन कराने में लगे थे। इन्हें छण् हजार जुर्माना लगाकर तीन वर्ष तक नेपाल प्रवेश पर प्रतिबंध के साथ निष्कासित किया गया।
दूसरे मामले में, विभाग ने अमेरिकी नागरिक डेनियल एस। कोर्नी को नियंत्रित किया। वह द्दण्ज्ञछ से नेपाल में रह रहे थे और हाल में बिजनेस वीज़ा पर थे। जांच में पता चला कि वे बच्चों को आश्रयगृह में रखकर क्रिश्चियन धर्म प्रचार और धर्म परिवर्तन करा रहे थे। विभाग ने उन्हें भी निष्कासन की प्रक्रिया शुरू की है।
जांच से स्पष्ट हुआ कि दोनों मामलों में उद्देश्य समान था—बच्चों के जरिए धर्म प्रचार। ललितपुर में दो होस्टल संचालित किए गए थे, जहाँ करीब ज्ञण्ण् बच्चे रखे गए थे।
नेपाल के संविधान में धर्म प्रचार और धर्म परिवर्तन कराना दंडनीय अपराध है। इन घटनाओं के बाद सरकार अब विदेशी नागरिकों पर निगरानी बढ़ाने जा रही है। ज्ञ अक्टूबर से राजधानी के सभी तारे होटल में ‘विदेशी नागरिक पंजीकरण एवं निगरानी प्रणाली’ लागू की जाएगी, जिसे क्रमशः पूरे देश में विस्तार किया जाएगा।